Biography of Thomas
Alva Edison in hindi
“ हमारी सब से बड़ी कमजोरी होती है हार मान लेना , सफलता
प्राप्त करने का सब से आसान तरीका है एक वार फिर कोशिश करना “

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यह कहना है सदी के महान विज्ञानक Thomas Alva Edison का , इस महान विज्ञानक
को आज भला कौन नहीं जान ता , थॉमस अल्वा एडिसन ने करीब एक हज़ार से उपर आविष्कार
किए जिस में सब से बड़ा अविष्कार बिजली का बल्ब , भाफ से चलने वाला इंजन और
टेलीग्राम थे , थॉमस अल्वा एडिसन को बचपन से ही पागल समझा जाता था, वेह इतने पागल
थे के एक वर उनोह ने एक चिडिया को कीड़े खाते हुए देखा , थॉमस को लगा के उड़ने के
लिए कीड़े खाना जरूरी है , उस ने बहुत सारे कीड़े पकड़ लिए और उन को मार कर पानी में
एक घोल बना लिया , उस के बाद थॉमस ने यह घोल अपने एक दोस्त को पिला दिया , वेह
अपने दोस्त को घोल पीने के बाद उड़ता देखना चाहते थे , मगर उस के बाद थॉमस के दोस्त
की तबीअत बहुत खराब हो गई जिस के लिए थॉमस को बहुत डांट सुननी पड़ी ।
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बचपन और जनम thomas edison children : थॉमस अल्वा
एडिसन का जनम 11 फरबरी 1847 को अमेरिका में
हुआ , उन के पिता का नाम Samuel Edison और माता का नाम Nancy Matthews था , थॉमस
एडिसन अपने 7 बहिन और भैएओ में सब से छोटे थे , जब थॉमस एडिसन थोड़े बड़े हुए तो उन
के माता पिता ने उन का admition एक school में
करा दिया मगर थोड़े ही समय बाद उन को school से निकाल दिया गिया , क्यों की एडिसन school में अपने
अधिअप्को से बहुत ज्यादा सवाल पूछते थे , जिस के कारण सभी एडिसन को एक मंद्बुधि
बचा समझते थे , एक दिन एडिसन को school से निकाल दिया गिया , और वेह एक पत्र लेकर
अपनी माँ के पास आया, उस पत्र को पढने के बाद एडिसन ने अपनी माँ से पुछा के इस पे
क्या लिखा है तो एडिसन की माँ ने उसे कहा के इस पे लिखा है के आप का बचा बहुत
हुश्यार है इस के लिए हमारा school बहुत छोटा है , इस लिए आप इसे घर पर ही पढाए ,
जिस के बाद एडिसन की माँ ने 9 साल की उम्र से एडिसन को घर में पढ़ना शुरू कर दिया ।
Thomas Edison life Facts : एडिसन ने एक
रसाइन की किताब में एक पार्योग देखा जिस को उस ने घर में करने के लिए एक छोटी सी
पार्योग शाला बनाई मगर किसी बात से नाराज़ हो कर एडिसन की माँ ने उस का सारा सामान
बाहर फेंक दिया, जिस के बाद एडिसन
पर्योगशाला दुवारा बनाना चाहते थे जिस के लिए उन को पैसो की जरुरुत थी जिस के लिए
एडिसन ने रेलवेज में नौकरी करनी शुरू कर दी और रेल के ही पुराने डिब्बे में अपनी
पर्योगशाला बना ली , मगर एक दिन किसी कारण से पार्योग के समय एडिसन के हाथ से कुछ तिज़ाब नीचे गिर गए और उन के मिश्रण से डिब्बे में आग लग गई , जिस के बाद वहां के
गार्ड ने गुस्से में एडिसन के कान पर एक जोर का तमाचा जड़ दीया जिस से एडिसन को ऊचा
सुनने लग गिया था ।
जिस के बाद एडिसन बहुत खुश था उन का कहना थ के अच्छा हुआ आज
के बाद उन को बेकार की बातें नहीं सुनाई देंगी और वोह अपने काम को ज्यादा ध्यान से
कर पाएंगे ।
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अविष्कार( Thomas Edison inventions ) : थॉमस एडिसन में अपना पहला अविष्कार Edison
universal stock printer था , जिस को बेचने में वेह सफल रहे , जिस को उनोह ने
40000 डोलर में वेचा जो के उस समय एक बहुत बड़ी रकम थी
।
बलब का आविष्कार : थॉमस एडिसन का कहना था
के हम बिजली को इतना सस्ता बना देंगे के अमीर लोग ही मोमबतिया जलाएंगे , जिस के
बाद उनोह ने बलब बनाने के लिए दिन रात मेहनत की और जिस में वेह दस हज़ार बार असफल
रहे ,32 वर्ष की उम्र में उनोह ने बलब का अविष्कार किया , 21 ओक्टुबर 1879 को दुनिया का पहला बलब सारा दिन चलता रहा , और दूर दूर से
हजारो लोग इसे देखने आने लगे , लोगो के लिए यह एक चमत्कार था , जब एडिसन से पुछा
गिया के आप दस हज़ार वार असफल होने के बाद वि कैसे इस काम पर लगे रहे तो एडिसन ने
कहा के मैं दस हज़ार वार असफल नहीं हुआ मैंने ऐसे दस हज़ार रस्ते ढूँढ लिए हैं जो किसी
काम नहीं आते ।
उन की इस सकारात्मक सोच ने पूरी दुनिया को यह सिखाया के जब
तक सफलता न मिले आगे बढ़ते रहो ।
दोस्तों कहानी यही ख़तम नहीं होती अब थॉमस एडिसन एक बहुत ही
महान विज्ञानक बन गए थे , एक दिन थॉमस एडिसन फुर्सत के पलो में बेठे थे तो उन को
अलमारी में से वही पुराना ख़त मिला जो school से निकालते वक़्त टीचर ने उसे दिया था ,
जिस को पढने के बाद थॉमस एडिसन बहुत रोए उस ख़त में लिखा था के आप का बचा मंद्बुधि
है किरपा इसे आज के बाद इसे school में न भेजे , जिस के बाद थॉमस एडिसन ने अपनी
डेरी में लिखा "एक महान माँ ने एक मंद्बुधि बचे को सदी का महान विज्ञानक बना
दिया।"
18 ओक्टुबर 1931 को इस महान
विज्ञानक ने दुनिया को अलविदा कह दिया , उस समय उन की उम्र 84 वर्ष की थी ,जिस दिन
थॉमस एडिसन की मौत हुई उस दिन शोक में पूरे अमेरिका की बिजली बंद कर दी गई थी ,
मरते वक़्त थॉमस एडिसन ने कहा के उनोह ने कभी वी काम नहीं किया यह सब तो उन के लिए
एक मनोजन था।
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